IPC in Hindi
Indian Penal Code IPC in Hindi is explained in this post in short / brief which is a major criminal or penal code in India.in
क्या है भारतीय दंड संहिता
लार्ड मकौले के द्वारा लिखा गया दंड विधान है इंडियन पीनल कोड। जब लार्ड मकौले गवर्नर जनरल कौंसिल का लॉ मेंबर बनकर भारत आया तब उसने भारतीय दंड संहिता लिखी । हालाँकि वो भारत से चला गया लेकिन उसके जाने के बाद दो सबसे महत्वपूर्ण बदलाव भारत में उसने कर दिए। पहला था भारत में अंग्रेजी शिक्षा की शुरुआत और दूसरा था भारतीय दंड विधान। दंड संहिता उसके इंग्लॅण्ड जाने के तक़रीबन २० साल बाद कुछ बदलाव करते हुए भारत में अपनायी गयी। भारतीय दंड संहिता १८६० में लागु किया गया लेकिन आज १६० साल बाद भी भारत में चल रहा है । इस कानून में २३ चैप्टर है और ५११ धाराएं। ये ऐसा आपराधिक कानून है जो भारत में विभिन्न तरह के जुर्म क्या है और उसके लिए क्या सजा होगी ये बताता है। इसके लागु होने के बाद बहुत से स्पेशल कानून भी बने है जो विभिन्न जुर्मों को ध्यान में रखते हुए बनाये गए हैं लेकिन भारतीय दंड संहिता ये बताता है की क्रिमिनल लॉ में इस्तेमाल किये जाने वाले शब्दों का क्या अर्थ है । सजा के प्रकार क्या क्या है और ये किस तरह से दी जा सकती है । एक्सेप्शन्स क्या है? प्राइवेट डिफेन्स क्या है ? एबेटमेंट ? क्रिमिनल कांस्पीरेसी ? राज्य के खिलाफ जुर्म, शस्त्र सेनाओं के खिलाफ जुर्म, शांति भंग करने के जुर्म, सरकारी अधिकारिओं के द्वारा किये गए ओफ्फेंस, सरकारी कार्यों में बाधा पहुँचाने पर जो जुर्म है उसके बारे में ? गलत गवाही देने पर जो सजा होगी उसके बारे में, नेग्लिजेंस, मानव शरीर से सम्बन्धी जुर्म, प्रॉपर्टी सम्बन्धी जुर्म, विवाह से सम्बन्धी जुर्म, डेफेमेशन, जुर्म करने के एटेम्पट पर सजा आदि के प्रावधान भारतीय दंड संहिता में दिए गए है।
ये एक ऐसा कानून है जो बहुत अच्छे से जुर्मों का वर्गीकरण करते हुए बनाया गया है और तक़रीबन १६० वर्ष के बाद भी बहुत कम अमेंडमेंट इसमें हुए है और पुरे भारत में इसका एप्लीकेशन है।
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