Reasonable Classification Test in Hindi - Article 14 of Constitution of India
Reasonable Classification Test in Hindi - Article 14 of Constitution of India
युक्त वर्गीकरण की कसौटी(Test Of Reasonable Classification)
अनुच्छेद 14 वर्ग विधान का निषेध करता है किंतु वर्गीकरण की अनुमति देता है मगर वर्गीकरण सही होना चाहिए मनमाना नहीं अन्यथा वह असंवैधानिक होगा| यह सच है कि प्रत्येक वर्गीकरण कुछ मात्रा में और समानता उत्पन्न करता है लेकिन केवल और समानता पैदा करना मात्र ही पर्याप्त नहीं है| उत्पन्न हुई और समानता सही और स्वेच्छाचारी होनी चाहिए| यदि कोई विधि किसी विशेष वर्ग के सभी सदस्यों के साथ समान व्यवहार करती है तो उस पर यह आपत्ति नहीं की जा सकती है कि वह अन्य व्यक्तियों पर लागू नहीं होती और इसीलिए व्यक्ति विशेष को क्षमता के संरक्षण से वंचित करती है| यदि एक वर्ग के सभी व्यक्तियों में हुई विभिन्न नहीं किया गया है तो ऐसी विधि संवैधानिक होगी| इस प्रकार अनुच्छेद 14 राज्य द्वारा व्यक्तियों तथा वस्तु में वर्गीकरण की शक्ति पर केवल एक ही निर्बंध लगाता है और वह यह कि वर्गीकरण अयुक्त और मनमाना नहीं होना चाहिए|
इससे यह स्पष्ट है कि राज्य द्वारा व्यक्तियों अथवा वस्तुओं के वर्गीकरण की शक्ति पर केवल एक ही निबंध है और वह यह कि वर्गीकरण आयुक्त और मनमाना ना हो| अंतर जो वर्गीकरण का आधार है और अधिनियम का उद्देश्य दोनों भिन्न-भिन्न चीजें हैं| आवश्यकता यह है कि वर्गीकरण के आधार और सुरक्षा अधिनियम के उद्देश्य में एक निकटतम संबंध हो| वर्गीकरण किसी वास्तविक और प्राथमिक विस्तार आधारित होना चाहिए और जिस उद्देश्य की पूर्ति व करना चाहता है उससे उसका तर्कसंगत और न्यायोचित संबंध होना चाहिए| अर्थात मनमाना और बिना किसी उचित आधार पर किया हुआ वर्गीकरण भेद कारी होगा और उसे अमान्य घोषित किया जा सकता है| उदाहरण के लिए विधायिका उस आयु को निर्धारित कर सकती है जिन व्यक्तियों को आपस में संविदा करने के लिए सक्षम समझा जाएगा लेकिन कोई भी या दावा नहीं कर सकता कि संविदा करने की क्षमता व्यक्तियों की शारीरिक बनावट या बालों के रंग इत्यादि पर अधारित की जानी चाहिए क्योंकि ऐसा वर्गीकरण उस प्रयोजन के लिए मनमाना वर्गीकरण होगा|
West Bengal State vs Anwar Ali Sarkar Case / वेस्ट बंगाल राज्य बनाम अनवर अली सरकार का विनिश्चय|
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