Atam Prakash vs State Of Haryana Case in Hindi
Atam Prakash vs State Of Haryana Case in Hindi
आत्मप्रकाश बनाम हरियाणा राज्य के मामले में हरियाणा राज्य में लागू पंजाब पीएमम्पशन एक्ट 1913 की धारा 15 की विधि मान्यता को इस आधार पर चुनौती दी गई कि वह अनुच्छेद 14 ,15 और 39 (से) का अतिक्रमण करता है| अधिनियम की धारा 15 के अधीन संपत्ति विक्रेता के रक्त संबंध वालों के पक्ष में Pre emotion के लिए किया गया वर्गीकरण उपयुक्त नहीं है और अनुच्छेद 14 का अतिक्रमण करता है और असंवैधानिक है| संविधानिक योजना तथा आधुनिक विचारधारा से बिल्कुल असंगत है| धारा 15 में क्रेधिकार के हकदार भाई बंधुओं की सूची त्रुटिपूर्ण है| एक ही श्रेणी के रिश्तेदार इससे बाहर रखे गए हैं क्योंकि वह या तो स्त्री है या स्त्रियों के माध्यम से संबंधित है| जैसे पुत्र की पुत्री पुत्री की पुत्री को सोफा का अधिकार नहीं प्राप्त है जबकि पिता के भाई के पुत्र को यह हक दिया गया है| धारा के अधीन यदि संपत्ति का एकल स्वामी अपने पिता, माता, बहन, बहन का पुत्र,पुत्री की पुत्री या पुत्र की पुत्री को संपत्ति भेजता है तो वह विक्रेता के पिता के भाई का पुत्र सपा के अधिकार का प्रयोग करके इसको रोक सकता है|
Comments
Post a Comment