Section 62 Arbitration and Conciliation Act, 1996
Section 62 Arbitration and Conciliation Act, 1996:
Commencement of conciliation proceedings.—
(1) The party initiating conciliation shall send to the other party a written invitation to conciliate under this Part, briefly identifying the subject of the dispute.
(2) Conciliation proceedings shall commence when the other party accepts in writing the invitation to conciliate.
(3) If the other party rejects the invitation, there will be no conciliation proceedings.
(4) If the party initiating conciliation does not receive a reply within thirty days from the date on which he sends the invitation, or within such other period of time as specified in the invitation, he may elect to treat this as a rejection of the invitation to conciliate and if he so elects, he shall inform in writing the other party accordingly.
Supreme Court of India Important Judgments And Leading Case Law Related to Section 62 Arbitration and Conciliation Act, 1996:
Visa International Ltd vs Continental Resources (Usa)Ltd on 2 December, 2008
माध्यस्थम् और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 62 का विवरण :
सुलह कार्यवाहियों का आरंभ-(1) सुलह के लिए शुरूआत करने वाला पक्षकार इस भाग के अधीन विवाद का विषय संक्षेप में परिलक्षित करते हुए सुलह के लिए लिखित आमंत्रण, दूसरे पक्षकार को भेजेगा ।
(2) सुलह कार्यवाहियां तभी प्रारम्भ होंगी जब दूसरा पक्षकार लिखित में सुलह के लिए आमंत्रण स्वीकार कर लेगा ।
(3) यदि दूसरा पक्षकार आमंत्रण को नामंजूर करता है तो कोई सुलह कार्यवाही नहीं होगी ।
(4) यदि सुलह की शुरूआत करने वाला पक्षकार, उस तारीख से, जिसको वह आमंत्रण भेजता है, तीस दिन के भीतर या ऐसी अन्य समयावधि के भीतर, जो आमंत्रण में विनिर्दिष्ट की जाए, कोई उत्तर प्राप्त नहीं करता है तो वह उसे सुलह के आमंत्रण को अस्वीकार करने के रूप में मान सकेगा और यदि वह ऐसा चयन करता है तो वह दूसरे पक्षकार को तद्नुसार लिखित में सूचित करेगा ।
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