Article 16 of Indian Constitution in Hindi & English
Article 16 in The Indian Constitution
Equality of opportunity in matters of public employment
(1) There shall be equality of opportunity for all citizens in matters relating to employment or appointment to any office under the State
(2) No citizen shall, on grounds only of religion, race, caste, sex, descent, place of birth, residence or any of them, be ineligible for, or discriminated against in respect or, any employment or office under the State
(3) Nothing in this article shall prevent Parliament from making any law prescribing, in regard to a class or classes of employment or appointment to an office under the Government of, or any local or other authority within, a State or Union territory, any requirement as to residence within that State or Union territory prior to such employment or appointment
(4) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favor of any backward class of citizens which, in the opinion of the State, is not adequately represented in the services under the State
(5) Nothing in this article shall affect the operation of any law which provides that the incumbent of an office in connection with the affairs of any religious or denominational institution or any member of the governing body thereof shall be a person professing a particular religion or belonging to a particular denomination
[(6) Nothing in this article shall prevent the State from making any provision for the reservation of appointments or posts in favour of any economically weaker sections of citizens other than the classes mentioned in clause (4), in addition to the existing reservation and subject to a maximum of ten per cent. of the posts in each category.]
India's Important Case Laws and Landmark Judgments on Constitution of India i.e. Article 16 of Indian Constitution:
State Of Kerala & Anr vs N. M. Thomas & Ors on 19 September, 1975 - Supreme Court of India
Indra Sawhney Etc. Etc vs Union Of India And Others, Etc. on 16 November, 1992 - Supreme Court of India
M. Nagaraj & Others vs Union Of India & Others on 19 October, 2006 - Supreme Court of India
M.Nagaraj & Others vs Union Of India & Others on 19 October, 2006 - Supreme Court of India
Gazula Dasaratha Rama Rao vs The State Of Andhra Pradesh & on 6 December, 1960 - Supreme Court of India
Ashoka Kumar Thakur vs Union Of India & Ors on 10 April, 2008 - Supreme Court of India
K.C. Vasanth Kumar & Another vs State Of Karnataka on 8 May, 1985 - Supreme Court of India
Ajit Singh And Ors vs State Of Punjab And Ors on 16 September, 1999 - Supreme Court of India
U.P.Power Corp.Ltd vs Rajesh Kumar & Ors on 27 April, 2012 - Supreme Court of India
Ajit Singh And Ors vs The State Of Punjab And Ors on 16 September, 1999 - Supreme Court of India
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Article 16 in Hindi - भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 का विवरण - लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
(1) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
(3) इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो [किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्र्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है।]
(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
[(4क) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में [किसी वर्ग या वर्गों के पदों पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित],प्रोन्नति के मामलों मेंआरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।]
[(4ख) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को किसी वर्ष में किन्हीं न भरी गई ऐसी रिक्तियों को, जो खंड (4) या खंड (4क) के अधीन किए गए आरक्षण के लिए किसी उपबंध के अनुसार उस वर्ष में भरी जाने के लिए आरक्षित हैं, किसी उत्तरवर्ती वर्ष या वर्षों में भरे जाने के लिए पृथक् वर्ग की रिक्तियों के रूप में विचार करने से निवारित नहीं करेगी और ऐसे वर्ग की रिक्तियों पर उस वर्ष की रिक्तियों के साथ जिसमें वे भरी जा रही हैं, उस वर्ष की रिक्तियों की कुल संख्या के संबंध में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा का अवधारण करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।]
(5) इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विधि के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी जो यह उपबंध करती है कि किसी धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था के कार्यकलाप से संबंधित कोई पदधारी या उसके शासी निकाय का कोई सदस्य किसी विशिष्ट धर्म का मानने वाला या विशिष्ट संप्रदाय का ही हो।
[(6) इस अनुछेद की कोई बात, राÏय को िवद्यमान आरक्षण के अितिरक्त तथा प्र×येक प्रवगर् मɅ पदɉ के अिधकतम दस प्रितशत के अÚयधीन, खडं (4) मɅ उिãलिखत वगɟ से िभÛन नागिरकɉ के आिथकर् Ǿप से दबुलर् िकÛहीं वगɟ के पक्ष मɅ िनयुिक्तयɉ और पदɉ के आरक्षण के िलए कोई भी उपबंध करने से िनवािरत नहीं करेगी ।]
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