मूल अधिकार - भारत का संविधान

मूल अधिकार - भारत का  संविधान 

Landmark Cases of India / सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले


मूल अधिकार_ भारत के संविधान की महत्वपूर्ण विशेषताएं एवं उपलब्धि इसमें मूल अधिकारों का समाहित होना है| वर्षों से दासता के अधीन रहे भारतीय वासियों के लिए यह मूल अधिकार एक वरदान एवं उपहार स्वरूप है |इन मूल अधिकारों का मुख्य उद्देश भारत के नागरिकों को सर्वोग्डीण विकास के अवसर उपलब्ध कराना है संविधान के भाग 3 में नागरिकों के निम्नलिखित मूल अधिकारों का उल्लेख किया गया है  |
(1) समता का अधिकार
(2) स्वतंत्र अर्थात स्वतंत्रता का अधिकार
(3) प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
(4) गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
(5) शोषण के विरुद्ध अधिकार
((6) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
(7) संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार तथा
(8) संवैधानिक उपचारों का अधिकार |
उल्लेखनीय है कि संपत्ति का अधिकार पहले एक मूल अधिकार था लेकिन कालांतर में संशोधन द्वारा इसे एक संवैधानिक अधिकार मात्र बना दिया गया है | स्वतंत्रता का अधिकार अपने आप में एक महत्वपूर्ण मूल अधिकार है संविधान के अनुच्छेद 19 के अंतर्गत नागरिकों को निम्नाकि स्वतंत्रता का विवेचन किया गया है |
(1) वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
(2) शांति पूर्वक एवं नीरा युद्ध सम्मेलन की स्वतंत्र
(3) संगम या संघ बनाने की स्वतंत्रता
(4) भारत के राज्य क्षेत्र मैं   सर्वत्र आवाज दे संचालन करने की स्वतंत्र|
(5) भारत के राज्य क्षेत्र के किसी भी में निवास करने और बस जाने की स्वतंत्र तथा
(6 कोई वृत्ति पूप जीविका व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता

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