संविधान का आधारभूत ढांचा क्या है ॽ Basic Sturcture of Indian Constitution
संविधान का आधारभूत ढांचा क्या है ॽ Basic Sturcture of Indian Constitution
Landmark Cases of India / सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले
संविधान का आधारभूत ढांचा क्या है ॽविभिन्न निविणयो मैं निम्नलिखित को संविधान का आधारभूत ढांचा माना गया है_
(1) संविधान की सर्वोपरि
(2) संविधान का गणतंत्रात्मक एवं लोकतांत्रिक स्वरूप
(3) संविधान का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप
(4) विधायिका , कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन
(5) संविधान की संधीत प्रकृति
(6) देश की एकता एवं अखंडता
(7) भारत की संम्प्रभता
(8) संविधान संशोधन की संसद की सीमित शक्तियों आदि| इस के संदर्भ में यदि हम अपने प्रश्न का हल ढूंढे तो यह स्पष्ट है कि संविधान की उद्देशिका में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है जिससे उद्देशिका में प्रयुक्त शब्द_
संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न,
समाजवादी पथ निरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य राष्ट्रीय की एकता और अखंडता आदि को आऺच आये और उसका संघीय स्वरूप नष्ट हो जाए
स्टेट आफ बिहार बनाम बालमुकुंद शाह( ए, आई, आर 2000एस, सी1296) इंदिरा साहनी बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया(ए, आई, आर2000 एस, सी498) तथा श्री भगवताचार्य नारायणचार्य पब्लिक ट्रस्ट बनाम स्टेट ऑफ़ गुजरात(ए, आई, आर, 2001 गुजरात 208) के मामलों में भी यही सुनिश्चित किया गया है कि संसद द्वारा संविधान में ऐसा कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है जिससे उसका आधारभूत ढांचा नष्ट हो जाए |
उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एम , एन, वेकटचल्लैया का आधारभूत ढांचा संविधान शिक्षा के दायरे से बाहर रहेगा अर्थात संविधान समीक्षा के दौरान संविधान के आधारभूत ढांचे के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी |
प्रश्न 4, भारत के संविधान की उद्देशिका (प्रस्तावना )में संविधान_ निर्माताओं ने कैसे भारत की निर्माण की संकल्पना की थी और उन्हें भारत के लोगों को क्या कुछ सुलभ कराने का वादा किया था ॽ
उत्तर_ भारत एक लंबे समय तक ब्रिटिश सामाॹय की दासता में रहा हम अवधि में भारत का नागरिक अपना सर्वोग्डीण विकास नहीं कर सका | उसका शारीरिक मानसिक एवं बौद्धिक विकास भी अवरुद्ध रहा | ऐसी स्थिति में यह स्वभाविक था कि स्वतंत्रता प्राप्ति पर हमारी संविधान निर्माता एक ऐसे संविधान का निर्माण करते जो भारत के नागरिकों के सर्वोग्डीण विकास मैं सहायक सिद्ध होता | संविधान निर्माताओं का यह स्वप्न एवं संकल्प साकार हुआ संविधान निर्माताओं के मन में एक ऐसे भारत के निर्माण की संकल्पना थी_
(1 )जिओ सर्वप्रभुत्व संपन्न हो,
(2) जो समाजवादी समाज की संरचना वाला हो
(3) जो पथ निरपेक्ष (धर्म निरपेक्ष)हो,
(4) जिसमें लोकतांत्रत्मक गन्ने राज्य की स्थापना हो,
(5) जिसमें सभी नागरिकों को विचार अभिव्यक्ति ,विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता मिले
(6), सभी को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुलभ हो
(7) जिसमें सभी को प्रतिष्ठा और अवसर की समता मिले ,
(8) देश की एकता और अखंडता अक्षुण्ण रहे,
(9) बंधुत्व की भावना में अभिवृद्धि हो आदि | यह सारी संकल्पनाये संविधान की उद्देशिका में परिलक्षित होता है संविधान की उद्देशिका
भारत के स्वरूप के बारे में संविधान निर्माताओं की संकल्प अॊ का पता लगाने के लिए हमने संविधान की उद्देशिका प्रस्ताव पर दृष्टिपात करना होगा |
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