Section 29 IPC in Hindi and English
Section 29 IPC in Hindi and English
Section 29 of IPC 1860:-“Document” —
The word "document” denotes any matter expressed or described upon any substance by means of letters, figures, or marks, or by more than one of those means, intended to be used, or which may be used, as evidence of that matter.
Explanation 1 - It is immaterial by what means or upon what substance the letters, figures or marks are formed, or whether the evidence is intended for, or may be used in, a Court of Justice, or not.
Illustrations -
A writing expressing the terms of a contract, which may be used as evidence of the contract, is a document.
A cheque upon a banker is a document. A power-of-attorney is a document.
A map or plan which is intended to be used or which may be used as evidence, is a document.
A writing containing directions or instructions is a document.
Explanation 2 - Whatever is expressed by means of letters, figures or marks as explained by mercantile or other usages, shall be deemed to be expressed by such letters, figures or marks within the meaning of this section, although the same may not be actually expressed.
Illustration -
A writes his name on the back of a bill of exchange payable to his order. The meaning of the endorsement, as explained by mercantile usage, is that the bill is to be paid to the holder. The endorsement is a document and must be construed in the same manner as if the words “pay to the holder" or words to that effect had been written over the signature.
Supreme Court of India Important Judgments Related to Section 29 of Indian Penal Code 1860:
Mangat Rai vs State Of Madhya Pradesh on 1 September, 1969
Birla Corporation Ltd. vs Adventz Investments And Holdings on 9 May, 2019
Kaushik Chaterjee vs State Of Haryana on 30 September, 2020
State Of Kerala & Ors vs Unni & Anr on 1 December, 2006
State Of Punjab & Ors vs M/S. Amritsar Beverages Ltd. & Ors on 8 August, 2006
Nirmal Kanti Roy, Ganesh Lal vs State Of West Bengal, S. Dasgupta on 23 April, 1998
Ghanshyam And Ors. vs State Of Uttar Pradesh on 17 February, 1982
Sharad Hiru Kolambe vs The State Of Maharashtra on 20 September, 2018
Mala Singh vs The State Of Haryana on 12 February, 2019
Nirmal Kanti Roy, Ganesh Lal vs State Of West Bengal, S. Dasgupta on 23 April, 1998
आईपीसी, 1860 (भारतीय दंड संहिता) की धारा 29 का विवरण - “दस्तावेज” -
“दस्तावेज” शब्द किसी भी विषय का द्योतक है जिसको किसी पदार्थ पर अक्षरों, अंकों या चिन्हों के साधन द्वारा, या उनमें एक से अधिक साधनों द्वारा अभिव्यक्त या वर्णित किया गया हो जो उस विषय के साक्ष्य के रूप में उपयोग किए जाने को आशयित हो या उपयोग किया जा सके।
स्पष्टीकरण 1 - यह तत्वहीन है कि किस साधन द्वारा या किस पदार्थ पर अक्षर, अंक या चिन्ह बनाए गए हैं या यह कि साक्ष्य किसी न्यायालय के लिए आशयित है या नहीं, या उसमें उपयोग किया जा सकता है या नहीं।
दृष्टांत
किसी संविदा के निबंधनों को अभिव्यक्त करने वाला लेख, जो उस संविदा के साक्ष्य के रूप में उपयोग किया जा सके, दस्तावेज है।
बैंककार पर दिया गया चैक दस्तावेज है।
मुख्तारनामा दस्तावेज है।
मानचित्र या रेखांक, जिसको साक्ष्य के रूप में उपयोग में लाने का आशय हो या जो उपयोग में लाया जा सके, दस्तावेज है।
जिस लेख में निर्देश या अनुदेश अन्तर्विष्ठ हो, वह दस्तावेज है।
स्पष्टीकरण 2 - अक्षरों, अंकों या चिन्हों से जो कुछ भी वाणिज्यिक या अन्य प्रथा के अनुसार व्याख्या करने पर अभिव्यक्त होता है, वह इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत ऐसे अक्षरों, अंकों या चिन्हों से अभिव्यक्त हुआ समझा जाएगा, चाहे वह वस्तुतः अभिव्यक्त न भी किया गया हो।
दृष्टांत
क एक विनिमयपत्र की पीठ पर, जो उसके आदेश के अनुसार देय है, अपना नाम लिख देता है। वाणिज्यिक प्रथा के अनुसार व्याख्या करने पर इस पृष्ठांकन का अर्थ है कि धारक को विनिमयपत्र का भुगतान कर दिया जाए। पृष्ठांकन दस्तावेज है और इसका अर्थ उसी प्रकार से लगाया जाना चाहिए मानो हस्ताक्षर के ऊपर “धारक को भुगतान करो” शब्द या तत्प्रभाव वाले शब्द लिख दिए गए हों।
To download this in pdf format use chrome web browser and use keys [Ctrl + P] and save as pdf.
Comments
Post a Comment