क्या कोई मुकदमा वापस लिया जा सकता है ?
प्रश्न :- क्या कोई मुकदमा वापस लिया जा सकता है ?
उत्तर :- हां किंतु जब कोई मुकदमा वापस ले लिया जाता है तो वादी उसी बात के आधार पर नया मुकदमा दायर नहीं कर सकता है |
प्रश्न :- क्या किसी मुकदमे में समझौता या सुलह हो सकती है ?
उत्तर :- क) हां आपसी राजीनामा द्वारा पक्ष सुलह या समझौता कर सकते हैं |
ख) यदि न्यायालय इस बात से संतुष्ट है कि पक्षों में स्वेच्छा पूर्ण समझौता कर लिया है | वही समझौता कानून सम्मत है तो वह उसे दर्ज करता है एवं उस समझौते के संदर्भ में डिक्री जारी करता है | यह डिक्री किसी अन्य डिग्री के सामने ही प्रभावशाली होता है परंतु इस से अपील नहीं की जा सकती आगे |
ग) हां समझौता करने वाला पक्ष कमजोर अथवा नाबालिक है तो न्यायालय को संतुष्टि होनी चाहिए कि प्रभावित समझौता कमजोर अथवा नाबालिक के हित में हुआ है |
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