दोहरे दंड से क्या अभिप्राय है | Double Jeopardy Meaning

प्रश्न - दोहरे दंड से क्या अभिप्राय है?
What do you understand by double Jeopardy?
उत्तर-- संविधान का अनुच्छेद 20(2) यह उपबंधित करता है कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए 1 बार से अधिक अभियोजित और दंडित नहीं किया जायेगा।  यह व्यवस्था आंगल विधि के सिद्धांत पर आधारित है जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए दो बार अभियोजित या दंडित नहीं किया जा सकता इसका मुख्य उद्देश्य है व्यक्तियों की अभियोजन की अनिश्चितता से रक्षा करना है।
सुबह सिंह बनाम दविंदर कौर (ए. आई. आर. 2011 एस. सी. 3163) के मामले में अभियुक्त को मृतक की हत्या के लिए दोष सिद्ध किया गया मृतक की पत्नी ने अभियुक्त के विरुद्ध प्रतिकर का सिविल वाद पेश किया अभियुक्त ने दोहरे खतरे के सिद्धांत का बचाव लिया उच्चतम न्यायालय ने इसे नकारते हुए कहा कि सिविल नीति पूर्ति की कार्यवाही अभियोजन नहीं है और क्षतिपूर्ति की डिग्री सजा नहीं है।
कलावती बनाम स्टेट ऑफ हिमाचल प्रदेश (ए. आई. आर. 1953 एस. सी. 131) के मामले में इस सिद्धांत की प्रयोज्यता के लिए तीन बातें आवश्यक बताई गई है-
1. व्यक्ति का अभियुक्त होना
2. अभियोजन या कार्यवाही का न्यायिक प्रकृति का होना तथा किसी न्यायालय अथवा न्यायाधिकरण के समक्ष होना।
3. अभियोजन का किसी दंडनीय अपराध के संबंध में होना।

Comments

Popular posts from this blog

100 Questions on Indian Constitution for UPSC 2020 Pre Exam

भारतीय संविधान से संबंधित 100 महत्वपूर्ण प्रश्न उतर

संविधान की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख | Characteristics of the Constitution of India